Nps or ups which scheme is the best understand the complete math here

केंद सरकार की ओर से अपनी सेवाएं देकर रिटायर हो रहे करीब 27 लाख कर्मचारियों के मन में अभी एक ही सवाल चल रहा है कि क्या हमें पेंशन के लिए यूपीएस को चुनना चाहिए. या फिर एनपीएस की बेहतर ऑप्शन है. वैसे तो दोनों सरकारी स्कीम्स हैं, दोनों के अपने फायदे हैं. आइए हम आपको बताते हैं कि NPS और UPS में से कौन सा ऑप्शन आपके लिए बेहतर हो सकता है.

UPS में क्या है खास

यूपीएस एक फंड-आधारित पेंशन स्कीम है, जो रिटायरमेंट के बाद स्थिर और मुद्रास्फीति से जुड़ा मासिक भुगतान सुनिश्चित करती है. इसमें कर्मचारी और सरकार दोनों मिलकर 20% योगदान करते हैं (कर्मचारी 10%, सरकार 10%). यूपीएस में रिटायरमेंट के समय 50% औसत मूल वेतन की गारंटीशुदा पेंशन मिलती है. बशर्ते कर्मचारी का व्यक्तिगत कोष बेंचमार्क कोष के बराबर हो. बेंचमार्क कोष एक सैद्धांतिक मूल्य है जो यह तय करता है कि रिटायरमेंट तक जमा फंड पर्याप्त है या नहीं.

यूपीएस में महंगाई के आधार पर पेंशन में वृद्धि, एकमुश्त निकासी, और मासिक टॉप-अप जैसे लाभ शामिल हैं. एक्सपर्ट रवि सराओगी के अनुसार, लंबी आयु के लिए यूपीएस बेहतर है. क्योंकि एनपीएस को यूपीएस के रिटर्न से बेहतर प्रदर्शन के लिए असाधारण रूप से उच्च रिटर्न की जरूरत होगी. उदाहरण के लिए एक कर्मचारी जिसने मई 2005 में नौकरी शुरू की और 35 साल की सेवा पूरी की यूपीएस में कुल 1.92 करोड़ रुपये एकमुश्त, अंतिम निकासी, और मासिक पेंशन के तौर प्राप्त कर सकता है, जबकि एनपीएस में यह राशि 1.53 करोड़ रुपये होगी.

NPS सिस्टम

एनपीएस एक बाजार-आधारित स्कीम है, जिसमें सरकार 14% और कर्मचारी 10% योगदान करते हैं, कुल 24% इसमें निवेशकों को इक्विटी, सरकारी प्रतिभूतियों और कॉरपोरेट बॉन्ड में निवेश का विकल्प मिलता है. डिफॉल्ट पैटर्न में 85% बॉन्ड और 15% इक्विटी होती है, लेकिन कर्मचारी 100% सरकारी प्रतिभूतियों या 50% तक इक्विटी वाले लाइफसाइकिल फंड चुन सकते हैं. पिछले पांच वर्षों में 50:25:25 (इक्विटी: सरकारी प्रतिभूतियां: कॉरपोरेट बॉन्ड) पोर्टफोलियो ने 14.68% का वार्षिक रिटर्न दिया, लेकिन लंबे समय में यह 10.8% रहा. एनपीएस में रिटायरमेंट पर 60% तक फंड टैक्स-फ्री निकाला जा सकता है और शेष से एन्युटी खरीदनी पड़ती है जो टैक्सेबल होती है. एनपीएस में लचीलापन और टैक्स लाभ (80CCD के तहत 2 लाख रुपये तक) आकर्षक हैं. लेकिन बाजार जोखिम के कारण रिटर्न की कोई गारंटी नहीं है.

विशेषज्ञों की राय और सुझाव

कुलिन पटेल सीईओ KLपंडित कंसल्टेंट्स चेतावनी देते हैं कि यूपीएस में तेजी से निवेश जोखिम भरा हो सकता है, क्योंकि फंड की कमी से पेंशन में कटौती हो सकती है. वहीं, एनपीएस में निवेश विकल्पों की विविधता और कम लागत (0.01% फंड मैनेजमेंट शुल्क) इसे आकर्षक बनाती है. एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि जो कर्मचारी स्थिरता और गारंटी चाहते हैं, वे यूपीएस चुनें, जबकि जो बाजार से उच्च रिटर्न की उम्मीद रखते हैं, वे एनपीएस में रह सकते हैं.

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