पाकिस्तान को लेकर पूरी दुनिया इस बात से वाकिफ है कि वो बुरे हालातों से जूझ रहा है. लेकिन अब वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट ने भी चौंकाने वाला खुलासा कर दिया है. जिससे ये साफ हो गया है कि पाकिस्तान को हर रोज बुरे हालातों से गुजरना पड़ रहा है. पाकिस्तान की लगभग 45% आबादी गरीबी रेखा से नीचे अपना जीवन बिता रही है. विश्व बैंक का मानना है कि कुल आबादी में 16.5 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो गरीबी के चरम स्तर तक पहुंच चुके हैं.
विश्व बैंक की रिपोर्ट
विश्व बैंक की अप्रैल 2025 में जारी रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में 2024-25 के दौरान लगभग 1.9 मिलियन लोग गरीबी रेखा के नीचे आ गए. विश्व बैंक की अप्रैल में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की 2.6% आर्थिक बढ़ोतरी दर इतनी नहीं है कि उससे गरीबी में कमी लाई जा सके. रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वित्त वर्ष 2025 में पाकिस्तान की गरीबी दर 42.4% बनी रहेगी (2017 की पीपीपी के आधार पर 3.65 अमेरिकी डॉलर प्रतिदिन के पैमाने पर), जो पिछले साल के मुकाबले लगभग स्थिर है. इसके साथ ही रिपोर्ट में ये भी बताया गया गया है कि पाकिस्तान की जनसंख्या में हर साल करीब 2% की बढ़ोतरी हो रही है, जिससे इस साल करीब 1.9 मिलियन लोग गरीबी रेखा के नीचे आ सकते हैं.
खेती की स्थिति और बिगड़ गई
साल 2025 में औसत से 40 प्रतिशत कम बारिश और कीटों के कारण कृषि उत्पादन में भारी गिरावट आई कपास की उपज में 29.6 प्रतिशत और चावल की पैदावार में 1.2 प्रतिशत की कमी देखी गई. इससे कृषि-बेस्ड अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है. इसके अतिरिक्त, भारत द्वारा सिंधु जल संधि को स्थगित किए जाने से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में जल प्रवाह में करीब 15 प्रतिशत की कमी आई, जिससे सिंचाई पर सीधा असर पड़ा और खेती की स्थिति और बिगड़ गई.
भारत में इतनी कम हुई गरीबी
विश्व बैंक की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने पिछले 10 साल में गरीबी के खिलाफ बड़ी लड़ाई जीती है. साल 2011-12 में देश की लगभग 25 प्रतिशत आबादी अत्यधिक गरीबी में जीवन बिता रही थी लेकिन 2022-23 तक यह आंकड़ा घटकर सिर्फ 5.3 प्रतिशत रह गया. रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि गरीबी की गणना के लिए अब नया मापदंड अपनाया गया है — प्रतिदिन तीन अमेरिकी डॉलर (2021 की कीमतों पर), जो पहले की 2.15 डॉलर की सीमा से करीब 15 प्रतिशत ज्यादा है. इस संशोधित मापदंड के अनुसार, 2024 में भारत में लगभग 5.44 करोड़ लोग प्रतिदिन तीन डॉलर से कम पर गुजर-बसर कर रहे थे.